BIJAPUR. इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 6 वन भैसों का झुंड देखा गया है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैसा के जनसंख्या वृद्धि,संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उप निदेशक इंद्रावती टाइगर रिजर्व धम्मशील गणविर ने बताया कि वन भैसों के संरक्षण के लिए पेट्रोलिंग गार्ड और ग्रामीणों के साथ मिलकर निगरानी की जा रही है, जिससे इनका संरक्षण किया जा सके।
टाइगर रिजर्व क्षेत्र की दोनों सीमाओं पर होता है आवागमन
इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र की सीमा महाराष्ट्र से लगे होने से वन भैसों का आवागमन दोनों क्षेत्रों में होता है। इसके लिए इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जा रहा है, जिससे साथ मिलकर वन भैंसों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य किया जा सके। वन भैंसा छत्तीसगढ़ में दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है।
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2800 वर्ग किलोमीटर में फैला है टाइगर रिजर्व
प्रदेश में 2800 वर्ग किलोमीटर में फैले इंद्रावती टाइगर रिजर्व वन भैंसों के लिए उपयुक्त प्राकृतिक रहवास है। इसके कारण यहां वन भैंसा देखने को मिलते हैं। गणवीर धम्मशील ने बताया कि इधर, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में पिछले कुछ महीनों से लगातार वन्यजीवों के देखे जाने की पुष्टि हो रही है।
टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ाने के प्रयास जारी
हाल ही में एक नये शेर की मौजूदगी के सबूत मिलने के बाद कुछ दिन पहले ही तेंदुआ के 2 शावकों का भी रेस्क्यू कर रायपुर के जंगल सफारी में छोड़ा गया था। वहीं अब वन भैंसो का झुंड भी देखा गया है। ऐसे में इन वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन वन्यजीवों की मौजूदगी से इंद्रावती टाइगर रिजर्व में पर्यटन को भी बढ़ावा मिले, इसके लिए प्रयास किया जाएगा।